Tuesday, 16 August 2011

अन्ना को

लाल गुलाब

मैं
अन्ना को
अपने समर्थन के साथ
एक लाल गुलाब
देना चाहता हूँ
सुर्ख रंग और
मादक सुगंध के एहसास के साथ
हम धन्य हैं
कर्मयुग में आपके
साथ जन्म लिया
वर्ना हमारे बच्चों को
सचिन, शाहरूख, सलमान के बाद
अपना रोल मॉडल चुनने
सुदूर इतिहास में जाना पड़ता  ।

क्या पता,
कल इतिहास हमें माफ़ ना करे
मैंने तो तुम्हें
गाँधी और अगस्त का महीना
साथ-साथ दिया था
मगर कमज़र्फ़
तुम लोग मुझे
     "आज़ाद" हिंदोस्तान न दे सके  ।
और हम फ़ैज़ की नज़्म गुनगुनाते रह जायें--
’ये दाग़-दाग़ उजाला, ये शबगज़ीदा सहर’
हाथ मलते, एक दूसरे की पेशानियाँ पढ़ते--

No comments:

Post a Comment