आदेशानुसार
हथकड़ियाँ पहन ली हैं
चिपका लिया है
मुँह पर टेप
पाँवों को बना दिया है
अभ्यस्त
आदेशानुसार ।
आप की हर बात
मानी जाएगी सरकार ।
सर्वशक्तिमान सत्ता को
चुनौती देने वाले तमाम
लोगों की जमात
माँगती है आप से
रहम की भीख
दया के महासागर
हे ! करुणा के अवतार ।
बस एक इल्तिज़ा है हुज़ूर
रात आधी नींद
या सुबह की चाय पर
सत्ता की पीनक जब टूटे
आस-पास अंगरक्षकों का साया छूटे
एक बार सोचियेगा,
बिचारियेगा माइ -बाप
क्या आप के पास हैं--
सवा सौ करोड़ हथकड़ियाँ,
इतने लोगों के मुँह पर चिपकाने के लिये
टेप का भंडार ।
खल्क खुदा का,
मुल्क आप का--
माइ-बाप
हम सब कुछ सहने-करने को
हैं तैयार
आदेशानुसार ।
------आशुतोष कुमार झा
हथकड़ियाँ पहन ली हैं
चिपका लिया है
मुँह पर टेप
पाँवों को बना दिया है
अभ्यस्त
आदेशानुसार ।
आप की हर बात
मानी जाएगी सरकार ।
सर्वशक्तिमान सत्ता को
चुनौती देने वाले तमाम
लोगों की जमात
माँगती है आप से
रहम की भीख
दया के महासागर
हे ! करुणा के अवतार ।
बस एक इल्तिज़ा है हुज़ूर
रात आधी नींद
या सुबह की चाय पर
सत्ता की पीनक जब टूटे
आस-पास अंगरक्षकों का साया छूटे
एक बार सोचियेगा,
बिचारियेगा माइ -बाप
क्या आप के पास हैं--
सवा सौ करोड़ हथकड़ियाँ,
इतने लोगों के मुँह पर चिपकाने के लिये
टेप का भंडार ।
खल्क खुदा का,
मुल्क आप का--
माइ-बाप
हम सब कुछ सहने-करने को
हैं तैयार
आदेशानुसार ।
------आशुतोष कुमार झा
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