यशवंती रस टपका तो कोड़ा हुए निहाल |
खुली पोटली सत्य की जम कर मचा बवाल||
जम कर मचा बवाल माकन जी घबराये |
खूब तरेरी आँखें , भोंहें खूब नचाये ||
लेकिन चली न चाल घूस का भांडा फूटा |
सबने मिल कर झारखण्ड को इतना लूटा ||
खुली पोटली सत्य की जम कर मचा बवाल||
जम कर मचा बवाल माकन जी घबराये |
खूब तरेरी आँखें , भोंहें खूब नचाये ||
लेकिन चली न चाल घूस का भांडा फूटा |
सबने मिल कर झारखण्ड को इतना लूटा ||
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