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साढ़े सत्रह की खुबसूरत लड़की
साढ़े सत्रह की खुबसूरत लड़की
आपसे पूछती है ----
प्यार क्या होता है ?
कब, कैसे, किससे होता है ?
तो उसकी आँखें केवल जवाब नहीं मांग रही होतीं |
२
२
मैं तुम्हें प्यार मोहब्बत इश्क चाहत के
फलसफे नहीं पढ़ा सकता
प्यार में जी कर दिखा सकता हूँ
प्यार में मर कर दिखा सकता हूँ |
३
३
फिल्मी गानों में
प्यार की परिभाषा ढूँढना व्यर्थ है
आखिर नमक तो दोनों में है
समुद्री जल और आंखों के पानी में
फिर भी , समुद्र मचल सकता है
आखें पिघल भी सकती हैं |
४
४
शरीर, उतेजना, आलिंगन और केमीकल रिएक्शन
प्यार के बाई प्रोडक्ट हैं
जिन्हें अकसर समझ बैठते हैं प्यार
यदि दोस्ती नहीं है मजबूत , पुल की तरह
यकीन नहीं , रास्ते के दोनों ओर लगाए गए ,
घने पेड़ों की मानिंद
और दर्द पांव में जूतों की तरह
तब वर्जिश तो कर सकते हैं आप
पर प्यार के सफर पर हमसफर के साथ
जा नहीं सकते |
५
५
मैनें जानना चाहा
सबसे पहले
आँखों में झलकता है प्यार
या सीने में धड़कता है प्यार
आखिर क्या है सम्बन्ध
मस्तिष्क की तरलता से प्यार का ?
क्या सचमुच सरहदें तोड़ देता है प्यार ?
सच्चे प्रेमियों को होता है
सम्पूर्णता का एहसास ?
मुझे लगा
मैं मुद्दे से भटकने लगा हूँ
प्यार करने की जगह
प्यार पर किताब लिखने लगा हूँ |
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