1
मुरझाएं क्योंकर नहीं हिन्दी के बनफ़ूल
गली - गली में खुल गये अंगरेज़ी स्कूल
सरकारें, तय जानिये, नहीं हमारे साथ
वर्ना सीने पर अपने, गड़ता नहीं ये शूल॥
2
गांधी बाबा मर गये, आ न सका सुराज
नेताओं में होड़ मची , कैसे पहनें ताज
भाषा में क़ायम हुआ फ़िर अंगरेज़ी राज
चेरी बन हिन्दी रही तब भी बची न लाज॥
3
मेल-मिलाप की भाषा हिन्दी
गाँव-समाज की भाषा हिन्दी
आओ नव निर्माण करें , हो
राज-काज की भाषा हिन्दी॥
4
इधर-उधर ना डोलिए
हिन्दी में पर तोलिए
भाव बढ़े,सम्मान बढ़े
अपनी भाषा बोलिए॥
5
मृदु कंठ गाती भारती
हिन्दी तुम्हारी आरती
शीर्ष तुम जग में बनो
सर्वत्र भारत - भारती॥
6
वह दिन कभी तो आएगा
इतिहास बदला जाएगा
ऊँचा उठा कर शीष भारत
हिन्दी की महिमा गाएगा॥
7
मिटे न हिन्दी अपने दिल से, मिटे न हिन्दोस्तान ।
बोलें , बरतें अपनी भाषा , लौटाएँ इसका सम्मान ॥
8
अंगरेज़ी की दासता कैसे आए रास ।
ना तो मैं अंगरेज़, ना तो किसी का दास॥
--आशुतोष कुमार झा
मुरझाएं क्योंकर नहीं हिन्दी के बनफ़ूल
गली - गली में खुल गये अंगरेज़ी स्कूल
सरकारें, तय जानिये, नहीं हमारे साथ
वर्ना सीने पर अपने, गड़ता नहीं ये शूल॥
2
गांधी बाबा मर गये, आ न सका सुराज
नेताओं में होड़ मची , कैसे पहनें ताज
भाषा में क़ायम हुआ फ़िर अंगरेज़ी राज
चेरी बन हिन्दी रही तब भी बची न लाज॥
3
मेल-मिलाप की भाषा हिन्दी
गाँव-समाज की भाषा हिन्दी
आओ नव निर्माण करें , हो
राज-काज की भाषा हिन्दी॥
4
इधर-उधर ना डोलिए
हिन्दी में पर तोलिए
भाव बढ़े,सम्मान बढ़े
अपनी भाषा बोलिए॥
5
मृदु कंठ गाती भारती
हिन्दी तुम्हारी आरती
शीर्ष तुम जग में बनो
सर्वत्र भारत - भारती॥
6
वह दिन कभी तो आएगा
इतिहास बदला जाएगा
ऊँचा उठा कर शीष भारत
हिन्दी की महिमा गाएगा॥
7
मिटे न हिन्दी अपने दिल से, मिटे न हिन्दोस्तान ।
बोलें , बरतें अपनी भाषा , लौटाएँ इसका सम्मान ॥
8
अंगरेज़ी की दासता कैसे आए रास ।
ना तो मैं अंगरेज़, ना तो किसी का दास॥
--आशुतोष कुमार झा
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